
वाराणसी : वैश्विक महामारी में कोरोना वायरस(Covid-19) के संक्रमण और उससे बचाव के लिए किये गये देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान जिला प्रशासन के आह्वान पर शहर की 90 संस्थाओं ने प्रशासन के सहयोग से 15 लाख से अधिक भोजन के पैकेट ज़रूरतमंदों में वितरित किया। ऐसी सभी 90 संस्थाओं को गुरूवार को कमिश्नरी ऑडिटोरियम सभागार में जिला प्रशासन के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने सम्मानित किया और भविष्य में दुबारा ऐसे ही सेवा भाव से कार्य करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया।

इस संदर्भ में कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि कोरोना वायरस(कोविड-19) की जो विपदा पूरे विश्व में आयी है उस निपटने के लिए काशीवासियों ने जिला प्रशासन का बखूबी साथ दिया। काशी में जिन लोगों ने इस विपदा की घड़ी में घरों से निकलकर जिला प्रशासन के सहयोग से लाखों पैकेट भोजन का वितरण जरूतमंदों में किया, ऐसे लोगों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आज सम्मानित किया गया है। उन्होंने कहा कि भगवान न करे की ऐसी आपदा फिर दोबारा आये। यदि आती है तो ये लोग दुबारा से प्रशासन के साथ इसी तरह खड़े होंगे, ऐसी हमारी आशा है। उन्होंने कहा कि अच्छे लोगों की पहचान मुश्किल घड़ी में ही होती है और ऐसे ही लोगों को हमने आज सम्मानित किया है।

इस कड़ी में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि वाराणसी में लॉकडाउन के समय में जिन भी संस्थाओं और व्यक्तियों ने जिला प्रशासन के साथ कदम से कदम मिलाकर ज़रूरतमंदों में भोजन का पैकेट वितरित किया। ऐसी 90 संस्थाओं को आज यहां सम्मान पत्र देकर उन्हें इस पुनीत कार्य के लिये सम्मानित किया गया है। उन्होंने बताया कि वाराणसी जनपद इन संस्थाओं के सहयोग से रोज़ाना सुबह और शाम दोनों समय 17 से 18 हज़ार पैकेट भोजन बाटा जा रहा था। अभी तक पूरे जनपद में लगभग 15 लाख से अधिक भोजन के पैकेट का वितरण किया गया है।

उन्होंने लोगो को सम्बोधित करते हुए कहा कि आप लोगों ने जो महामारी से लड़ने में एक जुटता और समर्पण दिखाया है वह अत्यंत ही सराहनीय है। अपने परिवारों की देखभाल से ऊपर उठकर वसुधैव कुटुंबकम् की भावना से पूरे समाज के लिए जो योगदान सबने मिलकर दिया वह दुनिया के सामने एक मिसाल है।

इस धार्मिक और सांस्कृतिक नगरी के महात्म को सिद्ध करते हुए पूरे प्रशासनिक अमले के साथ-साथ विभिन्न संस्थायें, अनेकों धार्मिक संगठन, निजी संस्थायें, व्यक्तिगत सामर्थ्यवान यहां तक कि छोटे छोटे बच्चों ने अपने गुल्लक तक सौंप दिये। निश्चय ही ये काशी नगरी में ही सम्भव है। कोऱोना से लोगों को बचाने व उनकी सेवा करने में अनेकों डाक्टर, मेडिकल स्टाफ, पुलिस कर्मी सहित प्रशासन के लोग भी जद में आए लेकिन हार नही मानी।
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