नई दिल्ली : केंद्र सरकार टेलीग्राम अधिनियम और प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग अधिनियम में संशोधन पर विचार कर रही है ताकि मोबाइल नंम्बर और बैंक अकाउंट खातों को आधार से जोड़ने का क़ानूनी विकल्प उपलब्ध कराया जा सके। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस बात पर प्रस्ताव भी दिए है, जिसमे कानूनी बारीकियों पर विस्तार से बात की गई। हालांकि इस प्रस्ताव पर फिलहाल वित्त एवं टेलीकॉम मंत्रालय समेत अन्य स्टेक होल्डर विचार कर रहे है। इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि इस प्रस्ताव में उच्च वर्चुअल टोकन को पहचानने(जिसका उपयोग वास्तविक आधार संख्या को साझा करने से रोकने के लिए किया जाता है) के लिए आधार अधिनियम में संशोधन भी शामिल है। यूआईडीएआई ने इन नियमों के माध्यम से इस टोकन को उपलब्ध कराया है।
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