गाजीपुर : 17वें लोकसभा चुनाव के परिणाम आगये है। वही गाजीपुर से केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा की हार चौकाने वाली रही है। दरअसल गाजीपुर में जातिगत समीकरण के आगे झुका विकास, मतलब काम के आगे न आया “काम”।
बता दे कि गठबंधन की राह उसी समय खुल गयी थी, जब बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव 11 मई को जिस आरिटीआई मैदान में नरेंद्र मोदी ने माहौल बनाया था। उसी मैदान में 13 मई को अखिलेश और मायावती ने हवा का रुख ही बदल दिया।
वही भाजपा के मुकाबले गठबंधन की यह भीड़ निश्चित रूप से ज्यादा मानी जा रही थी। लेकिन अब अंदाज लगाना यह था कि वोटर किस कदर अपना रुख मोड़ते। आखिरकर मनोज सिन्हा का गाजीपुर में विकास कार्य भी काम नही आया।
देखा जाए तो मनोज सिन्हा को मुस्लिमों का मत नही मिला। लेकिन अफजाल सपा के जरिये वोट ले उड़े। भाजपा के लिए सुभासपा का बगावत और कांग्रेस से अजित कुशवाहा का चुनाव लड़ना भी एक बहुत बड़ा कारण था।
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