
वाराणसी : विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट) पीके सिंह की अदालत ने बीएचयू स्थित संस्कृत विद्या धर्म संकाय के प्रोफेसर शांतिलाल सालवी को जातिसूचक शब्द बोलने तथा उनके साथ मारपीट करने के मामले में आरोपित प्रो.कौशलेंद्र पाण्डेय की सशर्त अग्रिम जमानत अर्जी मंजूर कर ली।
अदालत की शर्त है कि वे विवेचना में पुलिस को सहयोग देगें तथा आवश्यकता पड़ने पर पूछताछ के लिए विवेचक के समक्ष उपलब्ध रहेंगे। अदालत की अनुमति के बगैर देश के बाहर नहीं जायेंगे और अपना पासपोर्ट एसएसपी के पास जमा करेंगे।
प्रो. शांतिलाल सालवी ने 9 दिसंबर 2019 को लंका थाने में इस आशय की प्राथमिकी दर्ज करायी थी कि वह दिन में करीब 12.05 बजे अपने संकाय के कक्ष में बैठे थे। उसी दौरान मुनीश कुमार मिश्र, शुभम तिवारी एवं 4-5 छात्र नारेबाजी करते हुए वहां पहुंचे और उसे जातिसूचक शब्द बोलते हुए मारने के लिए दौड़ा लिए। किसी तरह वह वहां से भागकर सेंट्रल ऑफिस पहुंचा, जिससे उसकी जान बची। प्रो. सालवी का आरोप था कि यह घटना पूर्व नियोजित था,जिसमें उक्त छात्रों को भड़काने का काम बीएचयू के प्रोफेसर कौशलेंद्र पाण्डेय ने ही किया था।
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