वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय(बीएचयू) के कला इतिहास विभाग ने भारत कला भवन के सहयोग से, अफ्रीकी-अमेरिकी कला नेग्रीच्यूड शीर्षक प्रदर्शनी का आयोजन किया है। इस प्रदर्शनी में 31 कलाकृतियों को लगाया गया है, जिसमें 1920-30 में अफ्रीकी-अमेरिकी लोगों के जीवन और संघर्ष को दर्शाया गया है। इस प्रदर्शनी में 26 कलाकारों ने 31 कलाकृतियों लगाई हैं, जिसमें एपेक्स संग्रहालय और उत्तरी कैरोलिना एंड टी संग्रह भी शामिल है। यह प्रदर्शनी सवान्नाह विश्वविद्यालय के विशिष्ठ प्रोफेसर पेगी ब्लड दवारा क्यूरेट की गई है।
कला इतिहास विभाग से प्रोफेसर प्रदोष कुमार मिश्र ने बीएचयू के लिए प्रदर्शनी का समन्वयन किया है। उन्होंने बताया कि विश्व कला के इतिहास में सबसे बड़ी क्रांति 1920 और 30 के हार्लेम पुनर्जागरण की थी, जिसने पूरे राष्ट्र की संस्कृति को बदल दिया था। यह प्रदर्शनी पिछली सदी में और वर्तमान के अफ्रीकी-अमेरिकी कलाकारों के जीवन और संघर्ष को दर्शाता है।
उन्होंने बताया कि यह प्रदर्शनी इससे पहले कोच्ची में लगी है जो वाराणसी के बाद शांतिनिकेतन मे और अंतिम में गोवा में लगेगी। वही इस प्रदर्शनी का उदघाटन करते हए कला संकाय के अध्यक्ष प्रो अशोक सिंह ने कहा कि विश्व संस्कृति के संदर्भ में इस तरह की प्रदर्शनी की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शनी यहां कला की समझ में एक नया अध्याय जोड़ेगी।
प्रदर्शनी में क्यूरेटर और सवानाह स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पैगी ब्लड ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें खुशी है कि यह प्रदर्शनी भारत में दर्शकों द्वारा स्वीकार की गई है, जो अभी कोच्चि से आई है और आगे वाराणसी से शांतिनिकेतन इसके बाद गोवा में लगेगी। यह प्रदर्शनी युवा कलाकारों का ध्यान आकर्षित करेगी और उन्हें अफ्रीकियों-अमेरिकी संघर्ष और कला में उनकी अभिव्यक्ति के बारे में बताएगी।
More Stories
वाराणसी : BHU में प्रवेश परीक्षा फॉर्म सहित अन्य शुल्क में हुई बढ़ोत्तरी को वापस लेने के सम्बंध में छात्रों ने सौपा ज्ञापन
वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय सांस्कृतिक दृढ़ता पर महसूस कराया है गर्व : अखिलेश मिश्र अपर सचिव विदेश मंत्रालय
दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगवाई कोरोना वैक्सीन