लखनऊ : …जी हां अब उत्तर-प्रदेश पुलिस भी अब डिजिटल होगयी है। इससे पहले ऑनलाईन ट्विटर फेसबुक पर यूपी पुलिस को कार्यवाही करते हुए देखी होगी। पर घर बैठे ही दर्ज करवा सकते है एफआईआर यूपी में अब यूपीकॉप मोबाइल एप शुरू किया गया है जिसकी मदद से अब लोग घर बैठे ही एफआईआर दर्ज कर सकेंगे। इस एप में 27 तरह की सुविधाएं दी गयी है।
उत्तर-प्रदेश में यूपीकॉप नाम से मोबाइल एप्प की शुरुआत किया गया है। देश मे इस तरह का पहला ऐसा एप्प बनाया गया। जी घर बैठे अब एफआईआर दर्ज हो सकते है। वही इस एप्प में 27 तरह की सुविधाएं मिलेंगी। इस एप्प को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सका है। इन्ही सुविधाओं के देखते हुए ही यह एप्प देश का पहला मोबाइल एप्प बन गया है। वही इस एप्प को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यूपीकॉप को बताया है सबसे बेस्ट एप्प बताया है।
क्या है खासियत
अपर पुलिस महानिदेशक तकनीकी सेवाएं आशुतोष पांडेय ने बताया कि प्रथम चरण में ऐप में 27 तरह की सुविधाएं दी गई है। जिसके द्वारा लोग घर बैठे ही वाहन लूट, वाहन चोरी, मोबाईल छीनने की घटनाओं जो नामजद नही हो, नाबालिग बच्चो की गुमसुदगी, साइबर क्राइम की इस एप्प के जरिये बिना थाने गए ई-एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है। वही एप्प के साथ चरित्र प्रमाण पत्र, कर्मचारियों का सत्यापन और धरना प्रदर्शन व फ़िल्म शूटिंग की अनुमति भी इस एप्प के द्वारा मिल जाएगी। वही इस एप्प पर शिकायत दर्ज होने के बाद मौके पर ही सर्टिफाइड कॉपी मेल आईडी पर मिल जाएगी।
कुख्यात अपराधियों कक सूची और फोटो, शव की शिनाख्त के लिए शिकायत व पोस्टमार्टम रिपोर्ट की कॉपी भी इस एप्प के द्वारा मिल जाएगी।
ट्रेन, बस या किसी भी प्रकार की घटना यात्रा के दौरान होती है, तो यात्री को थाने की जानकारी नही होती है। तो इस एप्प के द्वारा स्थानीय थाने की जानकारी मिल जाने और थाने का रास्ता भी बताने की सुविधा इस एप्प से मिल जाएगी।
इस एप्प के बारे में एडीजी ने बताया कि इसके माध्यम से हो रहे साइबर क्राइम की जानकारी मिल जाएगा। वही इसमे एक सुविधा साइबर अवेयरनेस का भी दिया गया है। वही एटीएम कार्ड से जो रही जालसाजी,फर्जी फोन कॉल, ओटीपी से होने वाली जालसाजी से बचने का विकल्प भी इस एप्प में दिया गया है। वही आरबीआई की गाइडलाइंस के मुताबित आरबीआई की गाइडलाइन के साथ सेफ डिजिटल बैंकिंग से जुड़ी भी कई जानकारी मौजूद है। एडीजी ने ये भी बताया कि आरबीआई द्वारा गाइडलाइंस के मुताबिक ऑनलाइन जालसाजी की जानकारी बैंक को ही जाती है तो हड़पी हुई धनराशि को 3 दिन के अंदर इसका भुगतान बैंक करेगा। वही ऐप के द्वारा साइबर क्राइम हो रहे हो तो इसकी सूचना इसकी सूचना एप्प पर दिया जा सकता है। जिसकी जानकारी बैंक को दे दिया जाएगा। वही इस एप के आजाने से लोगो को थानों की चक्कर लगाने से छुटकारा भी मिलेगा तो वही इससे लोगो की हर मुश्किल का रास्ता आसानी से मिल भी जाएगा।
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